मुक्तक...। मुक्तक...।
चलो आओ करे फिर एक पहल रिश्तों के सम्मान की पहल करे दादा - दादी के नाम की। चलो आओ करे फिर एक पहल रिश्तों के सम्मान की पहल करे दादा - दादी के नाम की।
अगर आज मानेगा हार तो कल क्या खायेगा।। अगर आज मानेगा हार तो कल क्या खायेगा।।
मेरा मन टटोल रहा है सुनो नववर्ष कुछ बोल रहा है। मेरा मन टटोल रहा है सुनो नववर्ष कुछ बोल रहा है।
है सुहाना दिवस शिव के नाम थम थम बरसे जो सावन लुभाया। है सुहाना दिवस शिव के नाम थम थम बरसे जो सावन लुभाया।
चिड़ियों की चहचहाहट से प्यारे, जीवनमय बगिया खिलखिलाती मिलेगी।। चिड़ियों की चहचहाहट से प्यारे, जीवनमय बगिया खिलखिलाती मिलेगी।।